हरियाणा को लेकर सोमवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई. इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने के संकेत दिए. बैठक में उन्होंने पूछा कि क्या अकेले चुनाव लड़ने से नुकसान नहीं होगा. क्या गठबंधन की कोई संभावना बन सकती है. राहुल के इस सवाल का जवाब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिया. उन्होंने कहा, आम आदमी पार्टी ज्यादा सीटें मांग रही हैं, इसलिए उनसे गठबंधन कर पाना मुश्किल है.
राहुल के सवाल का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि तीन से चार सीटें दी जा सकती हैं, लेकिन उनकी (आम आदमी पार्टी) ख्वाहिश बड़ी है, इसलिए गठबंधन कर पाना मुश्किल है. हालांकि राहुल गांधी ने फिर भी कहा कि इंडिया गठबंधन के वोट ना बंटे ऐसी कोशिश हम सबको मिलकर करनी चाहिए. आप लोग देखिए कि क्या संभव है.
आप-कांग्रेस के कई नेता कर चुके हैं गठबंधन से इंकार
कांग्रेस और आप ने लोकसभा चुनाव हरियाणा, गुजरात, गोवा, दिल्ली और चंडीगढ़ में मिलकर लड़ा था. हालांकि कांग्रेस और आप के कई नेता साथ चुनाव लड़ने की बात से इंकार कर चुके हैं. हरियाणा कांग्रेस प्रदेश में अकेल दम पर चुनाव लड़ना चाहती है. वो आप या सपा को सीटें देने के कतई हक में नहीं है. उनका मानना है कि इस वक्त हरियाणा में कांग्रेस का माहौल अच्छा है और उसे किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है.कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी पार्टी राज्य में एक मजबूत खिलाड़ी है और चुनाव में अकेले उतरेगी. इस साल की शुरुआत में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि AAP अपने बल पर हरियाणा की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश भी कह चुके हैं हरियाणा में आप से गठबंधन नहीं होगा. उन्होंने कहा कि पंजाब में कोई इंडिया जनबंधन नहीं है. हरियाणा में, हमने लोकसभा चुनाव में AAP को एक सीट दी थी, लेकिन मुझे नहीं लगता कि विधानसभा चुनाव में इंडिया का ‘जनबंधन’ होगा. जयराम रमेश ने कहा, आप ने खुद कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं होगा.
कांग्रेस के प्रदर्शन में सुधार
लोकसभा चुनाव-2024 में हरियाणा में कांग्रेस के प्रदर्शन अच्छा रहा है. उसने 10 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं, आप 3.94 वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रही थी. हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 90 में से 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी. उसका वोट शेयर 28.08 प्रतिशत था. वहीं, 2014 के चुनाव में उसे महज 15 सीटों पर जीत मिली थी.